फेसबुक अब नहीं देगा अनुमति
फेसबुक अपनी तमाम छीछालेदर को देखते हुए और समझते हुए,
अब इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि अब वह किसी को और ज्यादा ,
छीछालेदर करने की अनुमति नहीं देगा ।
कहने मतलब यह है कि फेसबुक अब अपने डाटा लीक कांड के बाद
और आफत झेलने के मूड में कतई नहीं है ।
दुनिया की दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक,
अब अपनी छवि सुधारना चाहती है ।
उसने चुनावों के दौरान राजनीतिक विज्ञापनों में,
अपनी पारदर्शिता और जवाब देही को और भी बेहतर बनाने की घोषणा की है ।
नई घोषणा के अनुसार अब फेसबुक विज्ञापन दाता की ,
पहचान पुष्टि होने के बाद ही सियासी विज्ञान दिखाएगी ।
इसके साथ ही विज्ञापन का भुगतान करने वाले के नाम का भी जिक्र निश्चित करेगी ।
फेसबुक का यह कदम
फेसबुक ने यह कदम तब उठाया है ,जब उसने हाल ही में यह माना था।
कि उसने 870 करोड़ डाटा यूजरों का डाटा ,
ब्रिटिश कंपनी कैम्ब्रिज एनालिटिका को इस्तेमाल करने दिया था ।
कैम्ब्रिज कंपनी ने यह स्वीकार किया है कि इतने डाटा यूजर्स के ,
डाटा का इस्तेमाल उसने अमेरिकी राष्ट्र पति ट्रंप के चुनाव में किया था ।
एक नैतिक सवाल
फेसबुक हो या दुनिया की कोई भी कंपनी अथवा संस्था ,
सभी से एक सवाल किया जा सकता है कि क्या,
किसी ऐसी संस्था को जिसने अपने दम पर दुनिया का विश्वास जीता हो ,
कया उसे यह कबूतर बाजी सोभा देती है ?मेरा उत्तर है कतई नहीं ।
शीघ्र ही मार्क जुकरबर्ग साहब अमेरिकी कांग्रेसके समक्ष पेश होने वाले हैं,
तब और भी विस्तार से फेसबुक की असंदिग्धता की चर्चा हो सकेगी ।
कैम्ब्रिज एनालिटिका ने कैसे किया खेल
हलांकि यह पूरा खेल समझना बहुत आसान नहीं है,
फिर भी आप पाठक की इच्छा यही होती है कि इसे वह विस्तार से समझे ।
इसी लिए आगे की लाइनें इसी खास उद्देश्य से लिखी गई हैं ।
फेसबुक के डाटा की हैकिंग का किस्सा यह है कि,
कैम्ब्रिज एनालिटिका ने 270000 यूजर के डाटा तक पहुंच स्थापित कर ली थी ।
यह वही यूजर थे जिन्होने कैम्ब्रिज एनालिटिका के एक खास ऐप को डाउनलोड किया था ।
मजेदार बात यह है कि कैम्ब्रिज ने इतने यूजर से जुड़े और भी यूजर का डाटा प्राप्त किया था,
और यह सब सम्भव हुआ फेसबुक की अगड़म बगड़म प्राइवेसी नीति की वजह से ।
देर आए दुरुस्त आए
कहते हैं दिन का भूला यदि रात के पहले घर वापस लौट आए ,
तो उसे भूला नहीं कहते ।
इसी तरह यदि फेसबुक फिर से अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है ,
और कुछ कारगर उपाय कर रहा है तो इसे सुखद कहा जाएगा ।
क्योंकि यदि आप अपने प्रति और दूसरों के प्रति ईमानदार नहीं रहते ,
तो आप लाख जतन कर लो आप कभी भी किसी का विश्वास नहीं जीत सकते ।
मुझे आशा है फेसबुक अपनी साख से कोई समझौता नही करेगा ।
और भविष्य में और भी बेहतर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का विकल्प बनेगा ।
धन्यवाद
लेखक : के पी सिंह
08042018
very nice.