किसान आत्माहत्या क्यो कर रहा है, इसका क्या कारण है, आत्माहत्या कैसे बंद हो,
किसान आत्माहत्या क्यो कर रहा है, इसका क्य कारण है, आत्माहत्या कैसे बंद हो,
दोस्तो आपका स्वागत है| आज के इस पोस्ट मै|आज हम जानेगे कि| किसान आत्माहत्या क्यो कर रहा है| क्या कारण है| दोस्तो सोसल मिडिया से व जनता की राय से ये पता चल हैकि| किसान आत्माहत्या कयो रहा है|क्यो क्या कारण है| जाने किसान भारत का गौरव है|भारत किसान देश है| किसान के ही नाम से भारत कि पहचान है|और किसान अपने ही देश मै भूख से परेशान होकर आत्माहत्या कर रहा है|
इसका क्या करण है
भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानो का आत्माहत्या रौकने लिये, अनेको योजनो व अनुदान का प्रबंध किये है, इससे किसानो का आत्माहत्या कम हुवा है, लेकिन खत्म नही हुवा है किसानो का आत्माहत्या करना एक मजबूरी बन जाता है,कोई किसान अपने आप नही मरना चाह्ता,लेकीन किसान क्या करे, मरना उसकी मजबूरी बन जाती है,मरने की मजबूरी , गरीबी, बैरोजगारी, महगाई,छुट्टा जानवर, मजदूरी, लोन,इतना भार किसान बरदास नही कर पाता है, और किसान मरने को मजबूर हो जाता है |
गरीबी, बैरोजगारी, महगाई,शादी, मजदूरी, लोन,इतना ही क्या कम था| कि एक मुसीबत और आगई छुट्टा जानवर की| छुट्टा जानवर से किसान ही नही| बल्कि समाज, जनता तो परेशान ही है| किसान सबसे ज्यादा परेशान है| क्योकि छुट्टा जानवर सबसे ज्यादा किसान का नुकसान करते है| और छुट्टा जानवर से किसान ही सबसे ज्यादा परेशान है| छोटे छोटे किसान तो छुट्टा जानवर से परेशान होकर खेती ही करना बंद कर दिये है| और बाहर जाकर काम कर रहे है|
छुट्टा जानवर से छुटकारा कैसे मिले
छुट्टा जानवर से छुटकारा तभी मिलेगा जब हमारे देश के नेता मंत्री संसद बिधायक चाहेगे| जी हा दोस्तो संसद विधायक चाहे तो सदन मे इसकी चर्चा करा सकते है| एक नया कानून बना सकते है|दोस्तो आप लोग जानते होगे कि| सभी ग्राम पंचायत मे छुट्टा जानवर को चरने के लिये रास्वज विभाग कुछ जमीन चरागाह के नाम से छुटा है| अगर सरकार चाहे तो उन चरागाह जमीनो पर एक गौशाला खुलवाकर किसानो को छुट्टा जानवर से छुटकारा दिला सकती है|
दोस्तो हमारा पोस्ट केसा लगा अगर अच्छा लगा हो तो सैयर लाईक कामेंट जरूर करे सैयर तो जरूर करे क्योकि एक किसान के आत्महत्या की बात है
धन्यवाद
लेखक अविनाश कुमार श्रीवास्तव
किसान नाम का इंसान कभी आत्महत्या नही कर सकता। चाहे कितना ही लोन हो कितना ही अकाल पड़े, कितनी ही फसल चौपट हो जाय।
क्योंकि किसान ही एक ऐसा कर्मठ प्राणी है जो न मेहनत से डरता है जी तोड़कर लगा रहता। भगवान पर विश्वास करके आगे की आमदनी की अपेक्षा करता है।
लेकिन ये मीडिया, ओप्पोसिसन पार्टी जो सत्ता में नही रहती। सत्ता में रहने वालों को बदनाम करने के लिए किसी भी आत्महत्या को किसानों से जोड़ देते हैं, फिर मुआवजा लूटते है। मीडिया अपनी टी पी लुटती ह।
स्थिति के अनुसार मजबूरी
Very good
किसान जैसा मेहनती कोई नहीं वह हर कठिनाई को झेल कर आगे बढती है।
धन्यवाद